1. शीर्षक
1.1 संस्था का नाम
इस संस्था का नाम "मध्य क्षेत्रीय गुजराती बाज खेड़ावाल समाज" होगा। उत्तरवर्ती आलेख में केवल "समाज" शब्द द्वारा वर्णित।
2. मुख्यालय
2.1 समाज का पंजीकृत मुख्यालय जबलपुर होगा।
3. कार्यक्षेत्र
3.1 समाज का कार्य क्षेत्र मध्यप्रदेश होगा।
4. उद्देश्य
4.1 समाज, गुजराती बाज खेड़ावाल समुदाय के समग्र कल्याण के लिए कार्य करेगा और इस कार्य में निम्नलिखित क्रिया-कलाप सम्मिलित हैं:
- 4.1.1 ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यों का प्रायोजन या आयोजन करना जो समुदाय के सदस्यों के लिए इन क्षेत्रों में विकास में सहायक हों।
- 4.1.2 समाज के कार्यक्षेत्र में स्थित विभिन्न नगरों में कार्य कर रहे बाज खेड़ावाल समुदाय के स्थानीय संगठनों की गतिविधियों में समन्वय तथा उन संगठनों की सहायता से ऐसे क्रिया-कलापों का आयोजन करना जो समुदाय को प्रगतिशील स्थिति की ओर ले जाने में सहायक हों।
5. सदस्यता
5.1 पात्रता
- देश या विदेश में रहने वाला 18 वर्ष या इसके ऊपर आयु का बाज खेडावाल समुदाय का कोई भी व्यक्ति इस संगठन का सदस्य बन सकता है। प्रत्येक सदस्य का, समुदाय के किसी स्थानीय संगठन द्वारा निर्वाचित या मनोनीत होना आवश्यक है।
5.2 श्रेणियाँ
समाज के "सदस्य" निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत होंगे-
(क) संरक्षक
(ख) आजीवन सदस्य
(ग) गुजराती बाज खेड़ावाल समुदाय के विभिन्न नगरों में स्थित स्थानीय संगठन। प्रत्येक स्थानीय संगठन का प्रतिनिधित्त्व उस के अध्यक्ष (या अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष), सचिव और प्रति 20 सदस्यों के पीछे एक निर्वाचित या मनोनीत सदस्य करेंगे। प्रत्येक प्रतिनिधि एक पृथक सदस्य माना जायगा। प्रत्येक स्थानीय संगठन के प्रतिनिधियों में कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधि महिला होंगीं।
5.3 अभिदान / अंशदान
- 5.3.1 संरक्षक : न्यून्तम 20,000/- रुपये के मूल्य की भूमि या अन्य संपत्ति का दान अथवा उसी न्यूनतम राशि का नकद दान।
- 5.3.2 आजीवन सदस्यः रु. 1,000/- का नकद दान।
- 5.3.3 स्थानीय संगठनः वे स्थानीय संगठन जो समाज के "सदस्य" हैं, प्रतिवर्ष अपने संगठन के प्रति सदस्य के पीछे रु. 11/- के हिसाब से अंशदान देंगे।
- 5.3.4 समाज को किसी भी विशेष उद्देश्य के लिए नकद या अन्य रूप में दान लेने का अधिकार होगा।
5.4 सदस्यता की समाप्ति
संस्था की सदस्यता निम्नलिखित स्थिति में समाप्त हो जावेगी :-
- (क) मृत्यु हो जाने पर
- (ख) पागल हो जाने पर,
- (ग) संस्था को देय चन्दे की रकम नियम पैरा 5.3.3 में बताये अनुसार जमा न करने पर,
- (घ) त्याग पत्र देने और उसके स्वीकार होने पर,
- (च) चरित्रिक दोष होने पर और कार्यकारिणी समिति के निर्णयानुसार निकाल दिए जाने पर जिसके पारित होने की सूचना सदस्य को लिखित रूप में देना होगी।
6. सामान्य सभा
6.1 रचना सामान्य सभा के निम्नांकित सदस्य होंगे-
- (अ) संरक्षक
- (ब) आजीवन सदस्य
- (स) पैरा 5.2 (ग) में वर्णित स्थानीय संगठनों के प्रतिनिधि।
6.2 मताधिकार
सामान्य सभा के प्रत्येक सदस्य को मत देने का अधिकार होगा और प्रत्येक सदस्य का केवल एक ही मत
(वोट) माना जावेगा।
6.3 अधिकार और कार्य
- 6.3.1 कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारियों का निर्वाचन
- 6.3.2 समाज के कार्यक्रम और क्रियाकलापों के सम्बन्ध में नीतियाँ निर्धारित करना और मार्गदर्शन करना।
- 6.3.3 लेखा के वार्षिक विवरण तथा बजट का अनुमोदन।
- 6.3.4 दो तिहाई मत से समाज के संविधान में संशोधन ।
- 6.3.5 लेखा परीक्षक की नियुक्ति।
- 6.3.6 और दूसरे कार्य जो सामान्य सभा की बैठक में बहुमत से पारित किए गए हों।
6.4 सामान्य सभा की बैठक
- 6.4.1 साधारणतः सामान्य सभा की बैठक समाज के मुख्यालय जबलपुर में होगी। किन्तु कार्यकारिणी समिति किसी अन्य स्थान पर भी बैठक रखने का निर्णय ले सकती है।
- 6.4.2 सामान्य सभा की बैठक के लिए कम से कम एक महिने की पूर्व सूचना आवश्यक है।
- 6.4.3 सामान्य सभा के साधारणतः निम्नांकित कार्य होंगे।
- 6.4.3.1 सामान्य सभा की पिछली बैठक या इस सभा की पिछली धरण सभा के कार्यवृत्तों की पुष्टि।
- 6.4.3.2 कार्यकारिणी समिति द्वारा किये गए कार्य या उसके द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रपत्रों इत्यादि का अनुमोदन ।
- 6.4.3.3 समाज की वार्षिक रिपोर्ट तथा कोषाध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत परीक्षित लेखा विवरण पर विचार तथा अनुमोदन ।
- 6.4.3.4 कार्यकारिणी समिति द्वारा प्रस्तुत सिफारिश/प्रस्ताव पर विचार।
- 6.4.3.5 किसी सदस्य द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव अथवा नोटिस पर विचार।
- 6.4.3.6 कार्यकारिणी समिति का गठन करना।
- 6.4.3.7 दो तिहाई बहुमत से संविधान में संशोधन
- 6.4.3.8 आपात्कालीन निर्णय लेना।
- 6.4.3.9 अध्यक्ष की अनुमति से किसी और प्रस्ताव पर विचार।
- 6.4.4 कोरम - सामान्य सभा की बैठक के लिए आधे सदस्यों की उपस्थिति कोरम मानी जावेगी। कोरम न होने की स्थिति में बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित की जावेगी। यदि बैठक स्थगन के बाद पुनः सम्मिलित होने पर भी आवश्यक कोरम नहीं होता तो न्यूनतम 10 (दस) सदस्यों की उपस्थिति होने पर बैठक चालू रखी जा सकती है और इस बैठक में पारित सभी प्रस्ताव वैध और मान्य होंगे।
- 6.4.5 सामान्य सभा की असाधारण बैठक
- 6.4.5.1 कार्यकारिणी समिति के प्रस्ताव पर अथवा सामान्य सभा के कम से कम आधे सदस्यों की लिखित प्रार्थना पर सामान्य सभा की असाधारण बैठक बुलाई जा सकती है।
- 6.4.5.2 असाधारण बैठक के लिए सामान्य सभा के सदस्यों को कम से कम 15 दिन का नोटिस देना
7. कार्यकारिणी समिति
7.1 रचना
- 7.1.1 कार्यकारिणी समिति के सदस्य
- 7.1.1.1 कार्यकारिणी समिति के सदस्यों की संख्या समाज के संबद्ध स्थानीय संगठनों की संख्या से दुगनी तक ही सीमित रहेगी।
- 7.1.1.2 प्रत्येक स्थानीय संगठन का अध्यक्ष अथवा उसके द्वारा मनोनीत व्यक्ति कार्यकारिणी समिति का पदेन सदस्य होगा।
- 7.1.1.3 समाज के मुख्यालय का स्थानीय संगठन कार्यकारिणी समिति के लिए दो अतिरिक्त सदस्यों का निर्वाचन / मनोनीत करेगा।
- 7.1.1.4 शेष सदस्यों का चुनाव, सामान्य सभा में स्थानीय संगठनों द्वारा भेजे गए प्रतिनिधि, संरक्षक और आजीवन सदस्यों में से किया जायगा।
- 7.1.1.5 कार्यकारिणी समिति में कम से कम तीन सदस्य महिलाएं होंगी।
- 7.1.1.6 कार्यकारिणी समिति में किसी भी स्थानीय संगठन के चार से अधिक प्रतिनिधि नहीं होंगे।
- 7.1.2 कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारी
- 7.1.2.1 सामान्य सभा, पैरा 7.1.1 के अनुसार गठित कार्यकारिणी समिति में से निम्नलिखित पदाधिकारियों का चुनाव करेगी।
- (अ) अध्यक्ष [एक (किसी भी नगर से)]
- (ब) उपाध्यक्ष [दो (अध्यक्ष के नगर को छोड़कर किसी भी नगर से यदि अध्यक्ष मुख्यालय के नगर से नहीं है तो एक उपाध्यक्ष मुख्यालय नगर से होगा)]
- (स) सचिव [एक (मुख्यालय नगर से)]
- (ड) सह-सचिव [तीन (न्यूनतम एक महिला मुख्यालय नगर से व अन्य दो किसी भी स्थान से)]
- (ई) कोषपाल [एक (मुख्यालय नगर से)]
- 7.1.2.2 पेरा 7.1.1 के अनुसार गठित कार्यकारिणी समिति के अन्य सदस्य साधारण सदस्य होंगे।
- 7.1.2.3. अध्यक्ष की आयु 40 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए।
- 7.1.2.4 किसी भी स्थानीय संगठन का / के प्रतिनिधि लगातार दो सत्रों से अधिक अध्यक्ष पद पर नहीं बने रह सकते।
- 7.1.3 सहयोजना (कोआप्शन) - पेरा 7.1.1 और 7.1.2 के अनुसार गठित कार्यकारिणी समिति के सदस्य, पेरा 7.1.1.3 और 7.1.1.4 के उपबंधों के बावजूद, समुदाय के किन्हीं भी दो सदस्यों को कार्यकारिणी में सहयोजित कर सकते हैं।
7.2 कार्यकाल
- 7.2.1 कार्यकारिणी समिति का कार्यकाल, उसके गठन की तिथि से दो वर्ष होगा। तदुपरांत नई कार्यकारिणी समिति का गठन किया जायेगा। नई कार्यकारिणी समिति के गठन तक पुरानी समिति कार्यभार सम्हालती रहेगी। जिसकी अवधि छै माह से अधिक नहीं होगी।
- 7.2.2 सब कार्यों के लिए कैलेन्डर वर्ष का प्रयोग होगा।
7.3 रिक्ति
यदि कार्यकारिणी समिति के कार्यकाल में उसका कोई सदस्य गगन्य सभा से हट जाता है तो वह कार्यकारिणी समिति का सदस्य भी नहीं बन सकता। यह रिक्त स्थान कार्यकारिणी समिति के शेष सदस्यों द्वारा, बहुमत से, सामान्य सभा के किसी सदस्य को मनोनीत कर भरा जा सकता है। अन्यथा कार्यकारिणी समिति अध्यक्ष को मनोनीत करने का अधिकार दे सकती है
7.4 स्थानीय संगठन में परिवर्तन
किसी स्थानीय संगठन के पदाधिकारियों में परिवर्तन होने की स्थिथा उस संगठन का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई पदाधिकारी बदला जाना पदाधिकारी अपने आप कार्यकारिणी समिति का सदस्य माना जाये।
7.5 कार्य भार
- 7.5.1 समाज के उद्देश्य प्राप्त करने हेतु सभी क्रिया कलापों का प्रबंध करना।
- 7.5.2 आय तथा प्रशासनिक और अन्य क्रिया कलापों पर हुए व्यय का अनुमोदन।
- 7.5.3 समाज के नाम पर बैंक में एकाउन्ट खोलना और बैंक से सारे कारोबार का संचालन।
- 7.5.4 आपात्कालीन निर्णय लेना जिनका अनुमोदन बाद में सामान्य सभा द्वारा होना आवश्यक है।
- 7.5.5 चल अचल संपत्ति तथा दान, अनुदान इत्यादि प्राप्त करना।
- 7.5.6 विशिष्ट कार्य तथा उद्देश्यों के लिए उप-समिति का गठन करना व उन्हें अधिकार प्रदान करना
- 7.5.7 सदस्यों का नामांकन।
- 7.5.8
- वर्ष में एक बार सामान्य सभा की बैठक बुलाना।
- 7.5.9
- किसी विशेष कार्य के लिए एकत्र की गई धनराशि को बहुमत की सहमति से अन्य किसी कार्य के लिए अंतरित।
- 7.5.10 पैरा 5.4 में वर्णित आधारों पर किसी भी सदस्य की सदस्यता समाप्त करने का अधिकार।
7.6 कार्यकारिणी समिति का कोरम
समिति के 1/3 सदस्यों की बैठक में उपस्थिति को कोरम माना जावेगा। कोरम न होने की स्थिति में बैठक किसी अन्य तिथि को रखी जायगी तथा इसकी सूचना सभी सदस्यों को दी जायगी।
7.7 बैठक की आवृत्ति
कार्यकारिणी समिति की बैठक वर्ष में न्यूनतम 3 बार होगी।
7.8 विशिष्ट आमन्त्रित व्यक्ति
अध्यक्ष को अधिकार होगा कि वह कार्यकारिणी समिति की बैठक में किसी भी विशिष्ट व्यक्ति /व्यक्तियों को आमन्त्रित कर सकता है।
8. कार्यकारिणी समिति के पदाधिकारियों के अधिकार तथा कार्यभार
8.1 अध्यक्ष
- 8.1.1 कार्यकारिणी समिति तथा सामान्य सभा की बैठकों की अध्यक्षता एवं मंचालन।
- 8.1.2 कार्यकारिणी समिति के दिन-प्रतिदिन के कार्यों में मार्ग-दर्शन।
- 8.1.3 बैठकों के कागजातों का अनुमोदन ।
- 8.1.4 शासन तथा अन्य संगठनों से विचार-विमर्श तथा उनकी बैठकों में समाज का प्रतिनिधित्व करना।
8.2 उपाध्यक्ष
- 8.2.1 अध्यक्ष की अनुपस्थिति में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अथवा अध्यक्ष तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में दूसरा उपाध्यक्ष) अध्यक्ष के समस्त अधिकार एवं कर्तव्यों का निर्वहन करेगा तथा बैठकों की अध्यक्षता करेगा।
8.3 सचिव
- 8.3.1 अध्यक्ष की अनुमति से सामान्य सभा और कार्यकारिणी समिति की बैठक बुलाना।
- 8.3.2 बैठकों की कार्यवाही के कार्यवृत्त रिकार्ड करना।
- 8.3.3 समाज के क्रियाकलापों पर रिपोर्ट तैयार करना तथा बैठकों में प्रस्तुत करना।
- 8.3.4 दिन प्रतिदिन के कार्यों में अध्यक्ष की सहायता करना।
- 8.3.5 समाज की सभी संपत्ति की अभिरक्षा।
8.4 सह सचिव
- 8.4.1 सचिव की अनुपस्थिति में मुख्यालय के वरिष्ठ सह सचिव को सचिव के सारे अधिकार प्राप्त होंगे और वह सचिव के सारे कर्तव्य भार सम्हालेगा।
- 8.4.2 दोनों सह सचिव, सचिव द्वारा सौंपे गये सभी कार्य करते हुए सचिव की सहायता करेंगे।
- 8.4.3 एक सह-सचिव प्रकाशन एवं प्रचार का कार्य सम्हालेगा।
8.5 कोष-पाल
- 8.5.1 सदस्यता शुल्क, अनुदान इत्यादि एकत्र करना।
- 8.5.2 समाज की धनराशि को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा कर सम्बन्धित पास-बुक और अन्य कागजात सुरक्षित रखना।
- 8.5.3 समाज का लेखा विवरण रखना।
- 8.5.4 कार्यकारिणी समिति के निर्देशानुसार धनराशि का वितरण करना।
- 8.5.5 यह सुनिश्चित करना कि किसी विशेष कार्य के लिए एकत्र निधि उसी कार्य में व्यय होती है और कार्यकारिणी समिति की अनुमति के बिना अन्य किसी और कार्य में उपयोग नहीं की जाती।
- 8.5.6 वार्षिक बैठक में परीक्षित लेखा सहित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना।
- 8.5.7 समाज के सारे एकाउंट (लेखा), अध्यक्ष, सचिव और कोष-पाल के नाम पर ही रखे जाएंगे और उनका प्रचालन किन्हीं दो द्वारा संयुक्त रूप से किया जा सकता है।
- 8.5.8 कोष-पाल केवल रु. 250/- नकद रूप में रख सकता है। बकाया निधि बैंक में जमा रहेगी। वह नकद राशि के संचालन का हिसाब-किताब व्यवस्थित रूप से कैश-बुक और वाउचरों में रखेगा।
9. वित्त
9.1 समाज की निधि कार्यकारिणी समिति के नियंत्रण में रहेगी।
- 9.2 समाज के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक व्यय करने का अधिकार कार्यकारिणी समिति होगा।
- 9.3 समाज की आय के स्रोत निम्न प्रकार होंगे।
- 9.3.1 सदस्यता शुल्क
- 9.3.2 दान
- 9.3.3 अन्य स्रोतों से प्राप्त शुल्क
- 9.3.4 आवश्यकता पड़ने पर संमाज की संपत्ति के विक्रय से प्राप्त राशि।
10. अभिलेख
10.1 समाज के पंजीकृत मुख्यालय में निम्नलिखित रिकार्ड / फाइलें / रजिस्टर इत्यादि रखे जाएंगे।
- 10.1.1 सामान्य सभा और कार्यकारिणी समिति की बैठकों की कार्यवाही।
- 10.1.2 लेखबही
- 10.1.3 खाता
- 10.1.4 समाज की संपत्ति की फेहरिस्त विलेख और अचल संपत्ति से सम्बन्धित सभी दस्तावेज।
- 10.1.5 आवक-जावक पत्र व्यवहार का रजिस्टर।
- 10.1.6 सभी रसीद बहियों की काउन्टर फॉइल।
- 10.1.7 बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के किए गये संचालनों के दस्तावेज ।
- 10.1.8 शासन, स्थानीय निकाय, विद्युत मंडल, दूसरे समुदायों के संगठन, विभिन्न नगरों के स्थानीय संगठन इत्यादि से किए गए पत्र व्यवहार और अन्य सम्बन्धित दस्तावेजों की फाइलें, पंजी इत्यादि।
11. संविधान में संशोधन
11.1 कार्यकारिणी समिति द्वारा सामान्य सभा के सदस्यों को दिए गये लिखित प्रस्ताव पर सामान्य सभा संविधान में संशोधन कर सकती है। यह संविधान संशोधन प्रस्ताव सामान्य सभा की बैठक की तिथि से 15 दिन पहिले उसके प्रत्येक सदस्य को भेजा जाना आवश्यक है। बैठक में 2/3 बहुमत से पारित प्रस्तावों द्वारा ही संविधान में संशोधन किया जा सकता है।
12. समाज का विघटन
यदि समाज को भंग करने की आवश्यकता हो तो सामान्य सभा की इस उद्देश्य से बुलाई गई विशेष बैठक में, उपस्थित सदस्यों के व्यक्तिगत मतों के आधार पर 3/4 बहुमत की सहमति से ही समाज भंग किया जा सकता है।
13. समाज कार्यालय में सदस्य पंजी रखी जावेगी जिसमें निम्न ब्यौरे दर्ज किये जावेगें
यदि समाज को भंग करने की आवश्यकता हो तो सामान्य सभा की इस उद्देश्य से बुलाई गई विशेष बैठक में, उपस्थित सदस्यों के व्यक्तिगत मतों के आधार पर 3/4 बहुमत की सहमति से ही समाज भंग किया जा सकता है।
14. पंजीयक को भेजी जाने वाली जानकारी
अधिनियम की धारा 27 के अन्तर्गत समाज की वार्षिक आम सभा होने के दिनांक से 14 दिन के भीतर निर्धारित प्रारूप पर कार्यकारिणी समिति की सूची फाईल की जावेगी। तथा धारा 28 के अन्तर्गत समाज की परीक्षित लेखा भेजेगी।
15. पंजीयक द्वारा बैठक बुलाना
समाज का पंजीयक निमावली के अनुसार पदाधिकारियों द्वारा वार्षिक बैठक न बुलाए जाने पर या अन्य प्रकार से आवश्यक होने पर पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाऐं को बैठक बुलाने का अधिकार हो साथ ही यह बैठक में विचारार्थ विषय निश्चित कर सकेगा।
16. विवाद
समाज में किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होने पर अध्यक्ष को साधारण सभा के अनुमति से सुलझाने का अधिकार होगा। यदि इस निश्चित या निर्णय से पक्षों को सन्तोष न हो तो वह रजिस्टार की ओर विवाद के निर्णय के लिये भेज सकेगें। रजिस्ट्रार का निर्णय अन्तिम व सर्वमान्य होगा। संचालित सभाओं के विवाद अथवा प्रबन्ध समिति के विवाद उत्पन्न होने पर अन्तिम निर्णय देने का अधिकार रजिस्ट्रार को होगा।
समाज द्वारा कोई स्थाई संपत्ति रजिस्ट्रार की लिखित अनुज्ञा के बिना विक्रय द्वारा या अन्यथा अर्जित या आन्तरित नहीं की जाऐगी।